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हाथों में बुध पर्वत पीडित होने से होते है ये रोग

बुध पर्वत दूषित होने पर व्यक्ति को नींद नहीं आने की शिकायत रहती हैं। हमेशा अनिद्रा की बीमारी के शिकंजे में अपने आपको ग्रस्त हुआ पाते हैं, गले के रोग बहुतायत में देखने को मिलते हैं। जैसे ही मौसम अपना रूप बदलता है अर्थात् मौसम परिवर्तन होता है तो ऐसे जातकों में गले संबंधी बीमारी उत्पन्न होती हैं। जरा सी खाने में असावधानी बरती और गला तुरंत खराब हो जाता है अर्थात् गले संबंधी बीमारी तुरंत घर कर लेती है। ऐसे जातकों में स्नायु विकार प्राय: देखने को मिलते हैं। स्नायु विकार के कारण जितने भी रोग होते हैं, दूषित बुध पर्वत वाले व्यक्तियों में वो देखने को मिल सकते हैं। मानसिक तथा मज्जा विकार, उदर विकार, मंदाग्रि संबंधी रोग जन्म लेते हैं।
आम जिन्दगी में हम कई लोगों को शिकायत करते देखेंगे कि गृहिणी ने पाँच रोटियाँ बेलीं या चार बर्तन साफ किए और थकान ऐसी कि बीस किलोमीटर पैदल भ्रमण के बाद घर में प्रवेश किया हो अर्थात् थकान की समस्या में बुध पर्वत विशिष्ट भूमिका निभाता है। कई जातकों में वाणी संबंधी स्पष्टता नहीं होती। ऐसे में यह माना जाता है कि या तो इन जातकों की वाणी पर क्षेत्रीयता का असर है या इनकी वाणी खराब है परंतु कई बार इसकी स्थिति बिल्कुल ही विपरीत देखने को मिलती है। ऐसे में जातक की स्वर नली खराब तक हो सकती है। कई बार कई लोग बोल नहीं पाते वह भी स्वर नली की बीमारी का ही उदाहरण है। ये सभी रोग बुध पर्वत दूषित होने पर उत्पन्न हो सकते हैं। कई बार पित्त रोग एवं नाक संबंधी बीमारियाँ भी जातक में अन्य स्थितियों के अलावा बुध पर्वत दूषित होने के कारण भी देखने को मिलती हैं।
आम जिन्दगी में हम कई लोगों को शिकायत करते देखेंगे कि गृहिणी ने पाँच रोटियाँ बेलीं या चार बर्तन साफ किए और थकान ऐसी कि बीस किलोमीटर पैदल भ्रमण के बाद घर में प्रवेश किया हो अर्थात् थकान की समस्या में बुध पर्वत विशिष्ट भूमिका निभाता है। कई जातकों में वाणी संबंधी स्पष्टता नहीं होती। ऐसे में यह माना जाता है कि या तो इन जातकों की वाणी पर क्षेत्रीयता का असर है या इनकी वाणी खराब है परंतु कई बार इसकी स्थिति बिल्कुल ही विपरीत देखने को मिलती है। ऐसे में जातक की स्वर नली खराब तक हो सकती है। कई बार कई लोग बोल नहीं पाते वह भी स्वर नली की बीमारी का ही उदाहरण है। ये सभी रोग बुध पर्वत दूषित होने पर उत्पन्न हो सकते हैं। कई बार पित्त रोग एवं नाक संबंधी बीमारियाँ भी जातक में अन्य स्थितियों के अलावा बुध पर्वत दूषित होने के कारण भी देखने को मिलती हैं।