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धेर्य, सत्य और सम्पति ही नहीं तंत्र प्रयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है दीपावली।

17-10-2017 Page : 1 / 1

धेर्य, सत्य और सम्पति ही नहीं तंत्र प्रयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है दीपावली।

दीपावली रोशनी का उत्सव दीपावली मनाने के पीछे कई सारी पौराणिक कथाएं कहीं जाती हैं, लेकिन जो मुख्य रूप से हम सब जानते हैं कि बुराई पर अच्छाई की जीत के लिये, भगवान राम-रावण पर विजय व चौदह साल का वनवास काटकर अपने राज्य अयोध्या लौट और पूरी अयोध्या में अयोध्या वासियों ने घर-घर में दीप जलाकर पूरी अयोध्या को सजावट कर रोशनी से हर तरफ चमकदार और चकित कर देने वाली सुन्दरता बिखरी और भगवान राम का स्वागत किया और चारों ओर आतिशबाजी की। पांच दिनों के इस पर्व का हर दिन किसी न किसी खास परम्परा और मान्यता से जुड़ा हुआ है।

शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक अमावस्या को देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। देवी लक्ष्मी के आगमन के लिये और जीवन के हर अंधकार को दूर करने के लिय इस दिन लोग अपने घरों  और रास्तों को रोशनी से जगमगा देते हैं। दीपावली के दिन मन और विचारों को पवित्र कर उत्साह के साथ प्रात: ब्रह्म मूहुर्त में उठकर दैनिक कृत्यों से निवृत्त होकर दूध व दही से पितरों का तर्पण श्राद्ध करना चाहिये। यदि यह सम्भव न हो तो दिनभर उपवास कर गोधूलि वेला में अथवा वृष, सिंह, वृश्चिक स्थिर लग्न में पूजन के लिये किसी चौकी पर लाल वस्त्र से आसन पर भगवान गणेशजी व दाहिने भाग में माता महालक्ष्मी जी स्थापित कर किसी पवित्र पात्र में केसरयुक्त चन्दन से अष्टदल कमल देवी के पास बनाकर उस पर रुपयों को स्थापित करके, पूजा का थाल सजाकर उसमें फल, मिठाई, रोली, मोली, चावल, पांच हल्दी की गांठे, धनियाँ, कमल गट्टा, दूर्वा और द्रव्य रखकर व चांदी के सिक्के रखकर थाली में तेरह या छब्बीस दीपों को जलाकर रखते हैं व एक दीया चौमुखा प्रज्ज्वलित करके रात भर जला रहे ऐसी व्यवस्था करते हैं।

सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करें, फिर भगवती महालक्ष्मी का पूजन करें व आरती कर उनसे प्रार्थना करें, घर में सुख-समृद्धि का वास हो और आप यहां स्थिर भाव से निवास करें। पूजा के बाद घर के बड़े सदस्यों से चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें, उसके बाद पूरे घर में दीप जलाकर घर को रोशन करें।

इस दिन साधु और संत कुछ विशेष सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिये रात में तांत्रिक पूजा-पाठ करते हैं। बच्चे हों या बड़े सब लोग पटाखे जलाते हैं। एक-दूसरे को बधाई व उपहार देते हैं। इस दिन कई प्रकार के उपाय भी किये जाते हैं।

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