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हथेली में छुपे है आपके राज

हथेली की त्वचा व्यक्ति की प्रकृति और स्वभाव की ओर संकेत करती है। त्वचा की लचक और रंग का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही हाथ की प्रकृति इस प्रभाव को उकेरने और पहचानने में अत्यंत सहायक होती है।
लचकदार, नरम और लालिमा वाली हथेली वाले व्यक्ति पूर्णत: स्वकेन्द्रित होते हैं। संघर्षों से दो-चार होने में घबराते हैं। शारीरिक की अपेक्षा मानसिक श्रम को प्रधानता देते हैं। कल्पनाओं में खोए रहना इनकी खासियत है। जीवन में ऐश्वर्यता चाहते हैं। विभिन्न विषयों में रुचि होती है। कठोर परिश्रम से घबराते हैं।
कठोर, खुरदरी और भारी हथेली वाले व्यक्ति अव्यवस्थित होते हैं। उनमें सलीके का अभाव होता है। पाशविक प्रवृत्तियों और मानवीय संवेगों से प्रभावित और संचालित होते हैं। जीवनयापन के लिए कठोर से कठोर परिश्रम करने से भी ये नहीं हिचकिचाते हैं। मानवीय संवेदनाओं की तुलना में मूल संस्कारों को प्राथमिकता देते हैं। मुंहफट और कर्कश स्वभाव इसकी प्रमुख विशेषता होती है।
कुछ हथेलियों की त्वचा उपरोक्त दोनों का मिश्रण होती हैं। वह न तो ज्यादा कठोर होती है और न ही ज्यादा नरम। ऐसे व्यक्तियों में कल्पनाशीलता और व्यावहारिकता का समागम देखा जा सकता है। ऐसे व्यक्ति सफलता से काफी नजदीक होते हैं। ऐसे व्यक्ति विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम होकर समाज पर अपनी छाप छोड़ते हैं।
इसके अलावा गुलाबी रंग की हथेली व्यक्ति के अच्छे स्वास्थ्य, क्षमा, प्रेम और धैर्य की ओर संकेत करती है। ऐसे लोग हंसमुख और संकटों का हंसते-हंसते सामना करने में सक्षम होते हैं। लेकिन अधिक गुलाबी या लालिमा वाली हथेली कार्य में हड़बड़ी या उतावली को इंगित करती है। ऐसे लोग कार्य का प्रारम्भ तो बड़े जोश-खरोश से करते हैं, पर बाद में वे कार्य के प्रति शिथिल हो जाते हैं और किसी भी प्रकार से कार्य को पूरा करने की तिकड़म में लगे रहते हैं। पीली हथेली वाले व्यक्तियों में पित्त की अधिकता होती है। ऐसे व्यक्ति प्राय: निराशावादी और पेट संबंध बीमारियों से पीडि़त होते हैं। नीली या बैंगनी रंग की हथेली खून की खराबी की ओर संकेत करती है। ऐसे व्यक्ति बीमार, उदास, चिड़चिड़े, निराशावादी और लापरवाह होते हैं। आकृति के आधार पर हाथ को 5 प्रकारों में बांटा जा सकता है। (1) अत्यंत संकीर्ण हाथ, (2) संकीर्ण हाथ, (3) मध्यम हाथ, (4) बड़ा हाथ, (5) अत्यंत बड़ा हाथ।
- अत्यंत संकीर्ण हाथ - अत्यंत छोटे हाथ वाले व्यक्ति नाम के अनुसार ही संकीर्ण विचारधारा वाले, स्वार्थी, अवसरवादी, झगड़ालू और धोखेबाज होते हैं। दूसरों को हमेशा ही नीचा दिखाने के प्रयास करना और शत्रुवत व्यवहार रखना ही इनकी मुख्य विशेषता है।
- संकीर्ण हाथ- छोटे हाथ वाले व्यक्ति आलसी, कल्पनाशील, बातूनी, आडम्बरप्रिय और तेज दिमाग वाले होते हैं, अवसरों का सदुपयोग नहीं कर पाने के कारण ऐसे लोग योग्यता होने के बावजूद सफलता से कोसों दूर रहते हैं।
- मध्यम हाथ- मध्यम हाथ वाले व्यक्ति बुद्धिमान, व्यवहार कुशल, चिंतक, प्रसन्नचित्त, योजनापूर्व कार्य करने वाले होते हैं। परिस्थितियों के अनुरूप स्वयं को ढालना इनकी मुख्य विशेषता होती है।
- बड़ा हाथ - बड़े हाथ वाले व्यक्ति अत्यधिक बुद्धिमान, व्यवहार कुशल, दूरदृष्टा, मेधावी और कार्यकुशल होते हैं। ऐसे व्यक्ति न तो अधिक चिंतामुक्त रहते हैं और न ही अधिक प्रसन्न। ये समाज की दृष्टि से उपयोगी कहे जा सकते हैं।
- अत्यंत बड़ा हाथ - ऐसे हाथ वाले व्यक्ति भावुक, कल्पनाशील होते हैं। जीवन के संघर्ष से दो-चार होने में घबराते हैं।
उपरोक्त प्रकार के विवेचन के साथ हाथ के स्पर्श का तुलनात्मक अध्ययन भी आवश्यक है। अर्थात् हाथ के लचीलेपन अथवा कठोरता को भी व्यक्ति की प्रकृति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस दृष्टि से हाथ चार प्रकार के होते हैं-
- लचीला हाथ: ऐसे व्यक्ति व्यवहार में कल्पनाशील, लचकता, कोमलता और सहृदयता लिए होते हैं। ऐसा हाथ आमतौर पर महिलाओं का होता है। यदि किसी पुरुष का ऐसा हाथ है तो मानना चाहिए कि उसमें स्त्रियोचित गुणों की प्रधानता है।
- ढीला-ढाला लचीला हाथ: ऐसे व्यक्ति धोखेबाज, स्वार्थी, कपटी, निकम्मे, अपराधी और समाज विरोधी होते हैं।
- कठोर हाथ: ऐसे व्यक्ति परिश्रमी, आशावादी अपने कार्य को अधिक महत्व देने वाले, रूखे और प्रेम के मामले में कठोर होते हैं। आमतौर पर मजदूरों का ऐसा हाथ पाया जाता है।
- अत्यंत कठोर हाथ: ऐसे व्यक्ति बुद्धिहीन, अपराधी, स्वार्थी, दूसरे को दु:खी देखकर प्रसन्न होते हैं।
- ज्योतिष मंथन