ग्रह और नक्षत्रों के माध्यम से ज्योतिष दैवीय कृपा का स्रोत बनती है। वैदिक ज्योतिष की मदद से हम घटनाओं की प्रकृति व घटना का समयक्रम जान सकते हैं। पिछले जन्मों के कर्मबल के अनुरूप ही इस जन्म में घटनाओं की तीव्रता व उपलब्धियाँ होती हैं। महान भारतीय दार्शनिक विचार, वैज्ञानिक शोध व विकास, ज्योतिष के रूप में आपके जीवन के सत्य व भविष्य को उद्घाटित कर दते हैं। आपके गत जन्मों के कर्म और आपके जीवन के स्वप्नलोक में अन्तर्सम्बंध हो सकते है। अगर इसको जानना है तो ज्योतिष के दैवीय मार्ग को अपनाएं।
वैदिक ऋषि जानते थे कि जन्मकाल में ग्रह प्रदत्त रश्मियों में जो कमी रह जाती है वह वर्तमान जन्म में कभी-न-कभी किसी रूप में प्रकट होती है। ग्रह और नक्षत्र असंख्य संयोगों और उनसे उत्पन्न परिणाम जीवों को प्रदान करते रहते हैं।
हम धन हानि, धन संकट, स्वास्थ्य समस्याएँ, वैवाहिक विषमताएँ, आजीविका की समस्याएँ, भागीदारी में मतभेद, शक्ति दौर्बल्य, अज्ञात घटनाएँ और बहुत कुछ का समय ज्योतिष के माध्यम से जाना जा सकता है।
ज्योतिष की मदद से हम यह जान सकते हैं कि इन सब का समाधान कैसे किया जाए? यह जीवन की विषमताओं को हल करने में मदद कर सकती है। ज्योतिष की मदद से धन नियोजन का सही समय, घाटे को लाभ में बदलना तथा जीवन ऊर्जाओं को लाभ में बदल कर जीवन को नई दिशा प्रदान की जा सकती है। रश्मियों की कमी को ज्योतिष उपायों के द्वारा पूर्ति करके दु:खों को किसी सीमा तक कम किया जा सकता है।