होम : ज्योतिष- वास्तु कोर्स :: इन्टरनेशनल वास्तु एकेडेमी द्वारा दूर शिक्षा
इन्टरनेशनल वास्तु एकेडेमी द्वारा दूर शिक्षा

पत्राचार पाठ्यक्रम और दूरस्थ शिक्षण पाठ्यक्रम में मुख्य अंतर फील्ड प्रशिक्षण का है। पत्राचार पाठ्यक्रम में जयपुर मुख्यालय में 15 (10+5 दिन) दिन का फील्ड प्र्रशिक्षण दिया जाता है जबकि दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम में प्रकरण अध्ययन का प्रावधान है। दूरस्थ शिक्षण कार्यक्रम विशेषत: उनके लिये बनाया गया है जो विदेशों में रहते और फील्ड प्रशिक्षण के लिए भारत नहीं आ सकते। तथापि, यदि कोई विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षण के दौरान भारत आता है और पत्राचार पाठ्यक्रम के अंतिम सत्र पर आयोजित होने वाले फील्ड प्रशिक्षण में शामिल होता है तो उसे इसकी अनुमति होगी और उनके प्रमाण पत्र को अभिवद्र्धित कर दिया जाएगा एवं प्रमाण पत्र में फील्ड प्रशिक्षण का उल्लेख किया जाएगा।
अवधि : 12 माह
शुल्क : सदस्यता और परीक्षा शुल्क सहित
मुख्य आकर्षण : प्रकरण (केस) अध्ययन
माध्यम : हिन्दी, अंग्रेजी
अध्ययन सामग्री: अकादमी द्वारा दी जाएगी।
परीक्षा के लिय पात्रता: आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
अवधि : 12 माह
शुल्क : सदस्यता और परीक्षा शुल्क सहित
मुख्य आकर्षण : प्रकरण (केस) अध्ययन
माध्यम : हिन्दी, अंग्रेजी
अध्ययन सामग्री: अकादमी द्वारा दी जाएगी।
परीक्षा के लिय पात्रता: आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
Course Curriculum
Astrology
आधारभूत ज्योतिष - ग्रहों, भचक्र, राशियों, विभिन्न भावों में ग्रहों की स्थिति का अध्ययन।
ग्रह
- ग्रहों और ग्रह स्वामियों का अध्ययन।
- ग्रहों के नैसर्गिक गुण।
- ग्रहों की उच्च, नीच और मूलत्रिकोण राशियाँ।
- वक्रत्व और अस्तंगतता।
- नक्षत्रों का अध्ययन।
- ग्रहों की अवस्थाएं (मुदित, वृद्धादि)।
- ग्रहों का परस्पर संबंध।
- 12 भचक्रीय राशियों का वर्णन (तत्व, चिह्नादि)।
- भचक्रीय राशियों के स्वामी और उसके गुणधर्म।
- लग्न के रूप में भचक्रीय राशियाँ और चंद्र राशि।
- लग्न और चंद्र राशि के व्यक्ति पर प्रभाव।
- कुण्डली के 12 भावों का अध्ययन।
- आपोक्लिम, त्रिषडाय, केन्द्र, त्रिकोण, पणकार।
- कुण्डली के प्रत्येक भाव से संबंधित घटक।
- योग कारक ग्रह, अयोग कारक ग्रह।
- ग्रहों का स्वामित्व।
- ग्रहों के गर्हित और नैसर्गिक गुण, धर्म।
- ग्रहों के पहलू।
- योग।
- केन्द्राधिपत्य दोष।
- दशा।
- षड़बल।
- आंतरिक और बाह्य ग्रह।
- सायन और निरयण (सायन और निरायण भचक्र राशियाँ)
- मानक समय, स्थानीय समय, सायन समय,ग्रीनविच समय, परिभाषाएं।
- विषुव अयन।
- चंद्रमा के पात बिन्दु।
- ग्रहों की अस्तंगतता और वक्रत्व।
- ग्रहण।
- खगोलीय परिभाषाएं।
- मुहूर्त।
- मुहूर्त का महत्व और महत्वपूर्ण मुहूर्तों का निर्णयन।
- व्यक्ति और सामान्य रूप से ग्रह संचार के परिणाम।
- विभिन्न भचक्रीय राशियों में ग्रहों परिणाम।
- ग्रहों की विशेष स्थितियों में परिणाम (उच्च, नीच, अस्त, वक्री)।
- दृष्टियों के परिणामों को समझना।
- वर्ग कुण्डलियाँ।
- जन्म कुण्डली को गोचर से समन्वित करना।
- विनिर्धारण में दशा अनुप्रयोग।
- उपाय, रत्न विज्ञान समाधान।
- अष्टक वर्ग।
- गुण मिलान।