चाहे लग्न इत्यादि नहीं जानते हों केवल जन्मदिन का पता हो इतना ही बहुत हैं| क्योकि जन्मदिन से चन्द्र राशी का पता चलता है| पंडित सतीश शर्मा द्वारा लिखित आश्चर्यजनक राशिफल फलकथन जो की वर्ष, त्रैमास, महीना और प्रत्येक सप्ताह का आपका लेखा जोखा प्रस्तुत करता है| इस रिपोर्ट में आप पाएंगे - आपका आम जीवन, व्यावसाय,स्वास्थ्य और रिश्ते-नाते के बारे में जानकारी विस्तृत रूप से | वर्ष 2018 में आपके सफलता का प्रतिशत कितना रहेगा आदि जानकारी जो आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी |10 जनवरी 2018 से पहले अपनी प्रति बुक करने पर 20% की छूट पाएं|
जैमिनि ज्योतिष पाराशर प्रणीत ज्योतिष से कुछ भिन्न है। इसकी कुछ विशेषताएँ निम्र हैं।1. कारक: राहु और केतु को छोड़कर अन्य सभी सात ग्रह अपने-अपने अंश, कला, विकला के अनुसार अवरोही क्रम में निम्रलिखित सात कारक बनते हैं:
ग्रह यदि अस्त हों तो यह माना जाता है कि नीच राशि में स्थित ग्रह से भी अधिक बुरा फल देंगे। कुछ ग्रह तो अस्तंगत होकर बहुत ही बुरा फल देते हैं। खास तौर से वे ग्रह जो दो राशियों के स्वामी हैं।...
दो ग्रह जब एक-दूसरे से छठे, आठवें बैठे हो ऐसी स्थिति षडाष्टक या षष्टाष्टक कहलाती है। इन ग्रहों की दशा अन्र्तदशा में व्यक्ति को घात-प्रतिघात मिलने की सम्भावना रहती है।...
सूर्य : अशुभ हो तो अग्रि से कष्ट, तेज बुखार, कमजोर पाचन शक्ति, क्षयरोग, अतिसार, हृदय विकार, राजा, देवता, ब्राह्मणो से कष्ट, मिर्गी, आँख का विकार, हड्डियों की बीमारी, सूर्य जब जलराशि में होकर पीडित हो तो दमा, पेचिस, गंजापन, चिडचिडा होना चौपाये, सर्प भय, त्वचा विकार आदि।...
सेलेब्रिटी एस्ट्रोलोजर पं. सतीश शर्मा अपनी पत्रिका ज्योतिष मंथन व अन्य प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से की गई भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध ......
ज्योतिष के आधुनिक दार्शनिकों में अग्रगण्य पं. सतीश शर्मा ने ऋषियों के मानसिक चिंतन की अवस्था में पहुँचकर जो वैज्ञानिक प्रमाण ढूँढे हैं, वे अद्भुत हैं। इससे भारत में ज्योतिष योगों को लेकर एक नया चिंतन प्रारम्भ होगा।...
कई वर्षों में पहली बार इस माह चुनाव...
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